नेताओं से आशा है की बिल पास करेंगे
कभी तो लोग रिश्वत लेने से डरेंगे
कब तक लोग बाबुओं से लड़ेंगे
कब हमारे बिग्ढ़े काम बनेंगे
कब तक ढूंढते रहेंगे लोग कोई सिफारिश
कब ख़तम होगी घूस की यह बारीश
और नहीं सही जाती यह खालिश
अब यही है हमारी छोटी सी गुजारिश
क्या फरक पढता है; RSS हो या अन्ना
यह काम तो तुम्हे अब है करना
अपने पुराने कर्मों से तुम मत डरना
अपने पुराने कर्मों से तुम मत डरना
कभी तो तुम्हे भी अपना क़र्ज़ है भरना